सोमवार, 14 जुलाई 2008

आब यह सब ने हेत

पिछला शुक्रवार के गप छी। दरभंगा लग एकटा गाम में विवाह छल। बड दिब, विवाहक सबटा तैयारी पूरा क लेल गेल। बरियाती आबी गेल। मुदा विवाह भेल केकरो आरो स। दरआसल जै लरका स विवाह होइतई ओ तते नै दारू पी लेने रहथिन जे विवाहक मंडप पर सबटा सुधि-बुधि बिसरी गेलखिन। विवाह करबा स सेहो मना क देलखिन। कतबो लोक मनबैत रहि गेलैन, नै मनल्खिन। अंत में बरक बाप स कनियागत दहेजक पैसा घुरब कहलखिन त ओहो ओई स इंकार क देलखिन। मामला के गरमैत देखि गामक लोक सब मुखिया आ सरपंच साहेब के बजोलन्हि। बाद मे येह फ़ैसला कायल गेल जे लरका के छोटका भाई स विवाह करा देल जय आ सेह भेबो कायल। छोटका भाई स विवाह भ गेला के बाद बरको के भक खुजलैन त ओ विवाहक लेल इक्च्छा जतोलन्हि आ जबरदस्ती कर लगलाह । फेर की छल, खिसिएल ग्रामीन सब हुनका मारी के सकचुन्ना उरा देलक। कहक गप ई जे अपन मिथिला जे कहियो संस्कार केर लेल जानल जैत छल तकर हाल आई ई भ गेल अई । आख़िर एकरा लेल जिम्मेदार के। एहन कोनो एके बेर नै भेल अई, अई स पहिनहियो कए बेर भ चुकल अई। जन अपन संस्कार आ पहचान कए जिंदा चाहैत छी त एखनो समय अई, जागू।