शुक्रवार, 30 जनवरी 2009

साग पात खोंटि-खोंटि दिवस गमौबै

साग पात खोंटि-खोंटि दिवस गमौबै यो मिथिले मे रहबै
नै चाही हमरा सुख आराम यो मिथिले मे रहबै
एहन बात नै छै जे ई गीत आहां सब नै सुनने छी वा हम पहिलुक बेर आहां सबकेँ सुना रहल छी। दरअसल ई गीत हम नैनटा मे खूब गाबैत रही। ई गीत गाबि स्कूल मे हम एक बेर इनामो जीत चुकल छी मुदा ई बिसरा गेल छल। रैब दिन (25 जनवरी) के हंसराज कालेज मे अखिल भारतीय मिथिला नवनिर्माण मंचक उद्घाटन मे गेल रही। समारोह मे मिथिलांचलक बहुत पैघ-पैघ हस्ती सभ अएल रहथि। एहि मे बिहारक पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ जगन्नाथ मिश्रक संगे पूर्व सांसद गौरी शंकर राजहंस, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार सतीश चंद्र झा, सांसद संजय पासवान, पूर्व सांसद आ मंत्री रामकृपाल सिंह, दिल्ली के स्थानीय विधायक महाबल मिश्र, इतिहासकार डीएन झा, मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष अनिल मिश्र आ साहित्यकार मृदुला सिंहा जी अएल रहथि। ई गीत मृदुला जी अपन वक्तव्यक बीच मे गौने रहथिन। गीत सुनि अचानक भक दए यादि आबि गेल आ हम किछु मलीन भए गेलहुं। मलिन एहि चलते कि अपना-आप पर बड दुख भेल जे जै गीत के हम खूब भास लगा-लगा धिया-पुता मे गाबैत रही तकरा हम बिसरा गेलहूं। दुख एहि गीते टा के लए कए नै भेल बल्कि आए अपन मिथिला संस्कारक कतेको चीज अछि जकरा हम बिसरि गेलहूं। सच पूछू त’ हमही टा नै बल्कि अपना-आप के मिथिलांचलक मठाधीश कहाबए बला कतेको लोकनि छथि जे अपन संस्कार के बिसरि चुकल छथि। एकर पाछू एकमात्र कारण गाम-घर सँ विमुख भेनाइ आ शहरीकरण अछि। कोनो बात नै ई बहुत पैघ चर्चा के विषय छी आ एकरा पर बहस ब्लागक माध्यमसँ केनाई हम उचित नहीं बुझि रहल छी। खैर चलू। हम अखिल भारतीय मिथिला नवनिर्माण मंच के बारे मे बात करैत रही। दिल्ली मे आजुक दिन मे सए टा सँ अधिक मैथिली के संस्था काज कए रहल अछि। हम कतेको संस्थाक कार्यक्रम में शिरकत कएलहुं। सभ संस्था कार्यक्रमक रूप मे विद्यापति समारोह या फेर सरस्वती पूजा, काली पूजा नै त छैठक पूजे तक अपना-आप के सीमित रखने छथि। इ हमरा पहिल संस्था भेटल जकर उद्देश्य दिल्ली मे रहि रहल बिहारी आ मैथिल के विकास छैक। दिल्लीए टा नहि बल्कि बिहार मे मिथिलांचलक विकास के लेल इ संस्था सेहो प्रयत्नशील अछि। जेना की संस्था के पहिनुके दिन विषय रहै मिथिलाक समग्र विकास: चुनौती आ सम्भावना। ओनहियो एहि संस्थासँ काफी सुशिक्षित लोक सभ जुड़ल छथि। एकर अध्यक्ष रंजीत मिश्र जी छथि जे हंसराज कालेज के संस्कृत विभाग मे वरीष्ठ प्राध्यापक छथि। बड बेस, एहि संस्था सँ किछु उम्मीद जागल अछि आ आशा करैत छी जे जाहि उत्साहक संग संस्थाक शुरुआत भेल अछि ओ हमेशा बनल रहत। हमर इएह शुभकामना अछि।

कोई टिप्पणी नहीं: